This is About Sad Poem and pain inside heart that cant tell to anyone, Sad poem in hindi about pain that can make cry to them who can relate with them if you can relate it then do comment. Do share with your friends thank you.
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दर्द कितना है क्या बताऊं
कोई हिसाब हो तो हिसाब बताऊं
कान लगाकर सुनने का रिवाज है यहाँ
अब कोई दिल से सुने तो हालात बताऊं
आंखों में दिखते हैं फकत आंसू ही
कोई फुर्सत से देखे तो एहसास बताऊं
आदतन नहीं तोड़ती मैं खामोशी अपनी
कई रातों से यह आंखें नहीं सोई अपनी
अब हर रात का किस्सा कैसे सुनाऊं
किसको सुनाऊँ
अब एक रात की बात हो तो बात बताऊं
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Dard kitana hai kya bataoon
Koee hisaab ho to hisaab bataoon
Kaan lagaakar sunane ka rivaaj hai yahaan
Ab koee dil se sune to haalaat bataoon
Aankhon mein dikhate hain phakat aansoo hee
Koee phursat se dekhe to ehasaas bataoon
Mai aadatan nahin todatee main khaamoshee apanee
Kaee raaton se yah aankhen nahin soee apanee
Ab har raat ka kissa kaise sunaoon
kisako sunaoon
Ab ek raat kee baat ho to baat bataoon
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English Lyrics
How much should I tell the pain
If there is an account,Then tell the account
It is customary to listen with ear
Now if someone listens with heart
then tell the situation
Only tears are seen in eyes
If someone sees time, then I can tell the feeling
I do not habitually break my silence
This eyes did not sleep for many nights
Now how to tell every night's story
To whom Tell
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कुछ मशहूर शायरों की दर्द पर शायरी
उसे समझने का कोई तो रास्ता निकले
मैं चाहता भी यही था वो बेवफ़ा निकले
-वसीम बरेलवी
हाल-ए-दिल हम भी सुनाते लेकिन
जब वो रुख़्सत हुआ तब याद आया
-नासिर काज़मी
दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे
जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे
- दाग़ देहलवी
तुम ज़माने की राह से आए
वर्ना सीधा था रास्ता दिल का
- बाक़ी सिद्दीक़ी
दिया ख़ामोश है लेकिन किसी का दिल तो जलता है
चले आओ जहाँ तक रौशनी मा'लूम होती है
- नुशूर वाहिदी
आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तौलें
हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं
- साहिर लुधियानवी
जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई
दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई
- शकील बदायुनी
फ़क़त निगाह से होता है फ़ैसला दिल का
न हो निगाह में शोख़ी तो दिलबरी क्या है
- अल्लामा इक़बाल
दिल पर दस्तक देने कौन आ निकला है
किस की आहट सुनता हूँ वीराने में
- गुलज़ार
दिल पे आए हुए इल्ज़ाम से पहचानते हैं
लोग अब मुझ को तिरे नाम से पहचानते हैं
- क़तील शिफ़ाई
आरज़ू तेरी बरक़रार रहे
दिल का क्या है रहा रहा न रहा
- हसरत मोहानी
ज़ख़्म कहते हैं दिल का गहना है
दर्द दिल का लिबास होता है
- गुलज़ार
दिल से तो हर मोआमला कर के चले थे साफ़ हम
कहने में उन के सामने बात बदल बदल गई
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
दिल तो मेरा उदास है 'नासिर'
शहर क्यूँ साएँ साएँ करता है
-नासिर काज़मी
ये दिल का दर्द तो उम्रों का रोग है प्यारे
सो जाए भी तो पहर दो पहर को जाता है
- अहमद फ़राज़
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