This is about Love Poems and Hindi Poems of 2020,
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then this page is for you, Must read all the Poems of Love
Poems of 2020 and tell your feelings in the comment
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"मैं जितना तुम्हें सोचूँ उतना लिख भी पाऊँ
तो मैं कवित्रि नहीं सृष्टि रचयिता होती"
महफिल लगती थी मेरी खुशियों की गली में उसके
हर गम बिखर जाते थें कदम पड़ते ही गली में उसके
आवारगी सवार थी बेफिक्री का आलम था
नमी हवाओं में गुनगुनी सी धूप थी
मेरी मोहब्बत की शुरुआत थी वह सर्दी का मौसम था
साथ चलना था, साथ रुकना था,
कुछ सुनना था, कुछ कहना था,
जज्बात लुटा कर एक दूसरे पर
उसका लौटना था मेरा रोना था
फिर से मिलने के वादे पर मेरा खुश होना था
उलझनें तमाम सुलझ जाती थी गली में उसके
मुश्किलें ख़त्म हो जाती थी गली में उसके
मेरा मौसम है वो सावन का बादल है वो
मैं पागल हूं उसके लिए मेरा पागल है वो
शरारतें तमाम होती थी गली में उसके
मैं हाजिर जवाब होती थी गली में उसके
सच कहूं तो हूं नाकामयाब मैं
मगर मैं कामयाब होती थी गली में उसके
बेहद बेहिसाब होती थी गली में उसके।
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💖यह जो भी हालात है💖
यह जो भी हालात है, क्या सुधर नहीं सकते?
रह लें तुम्हारे बिना भी क्यों तुम बिन रह नहीं सकते।
कमबख्त दिल की परेशानी भी अजीब है
जो सहले हर दर्द दुनिया का क्यों तुम से दूरियां सह नहीं सकते
हर शब्द जो खुले एक ही शख्स पर उसी से दिल की बातें कह नहीं सकते
कि मत जाओ दूर तुम बिन रह नहीं सकते।
क्या जो यह हालात है, सुधर नहीं सकते।
बिछड़ते हैं पत्ते पेड़ों से शामें बिछड़ती हैं सवेरों से
सच कहूं यह तुम जान लो हम तुमसे बिछड़ नहीं सकते।
पहला कदम बढ़ाया था जब से तुम्हारे सफर को
दिल हाथ में लिए फिरते हैं कि अभी यहां से हम मुकर नहीं सकते।
जो पलकों पर घने बादल मचलते हैं। तुम बिन तो यह बरस नहीं सकते।
चाहे बदल लो, तुम अपना रास्ता हम अपना रास्ता बदल नहीं सकते
कि तुम बिन दो पल भी हम संभल नहीं सकते
क्या यह जो हालात हैं, सुधर नहीं सकते?
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💖तुम पास नहीं रहते तुम साथ नहीं रहते 💖
तुम पास नहीं रहते तुम साथ नहीं रहते
मैं तो खोलकर रख देती हूँ ज़ेहन अपना तुम एक भी एहसास नहीं कहते
ख्वाब हो गया है मेरा मिलना तुमसे ,
तुम साथ नहीं रहते तुम पास नहीं रहते
मैं तो खोलकर रख देती हूँ ज़ेहन अपना तुम तो एक भी एहसास नहीं कहते
ये मेरे सर के आसमान से तुम्हारा नाम क्यों नहीं जाता
ये मेरे दिल से तुम्हारा खुम्हार क्यों नहीं जाता
मैं परेशान सी हो जाती हूँ बेहद खराब भी हो जाती हूँ
दिल चीखकर मुझ पर कहता है। ..
क्यों तुम पास नहीं रहते क्यों तुम साथ नहीं रहते
मैं तो खोलकर रख देती हूँ ज़ेहन अपना तुम एक भी एहसास नहीं कहते
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2 Comments
Heart touching line 😊👌
ReplyDeleteक़ाबिले तारीफ
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