जितना आईने में खड़े उस शक्स में था
तुम्हारी गंदी सोच मेरे पैरों से टकराया करती है
वक्त कभी किसी का सगा नहीं होता
उम्र भर किसी एक के साथ खड़ा नहीं होता
फिर भी जो ना माने मिडिल फिंगर दिखा दीजिए
जो एक छोटी सी बात पर सौ बात करते हैं
हम जूते के नीचे उनकी औकात रखते हैं
कैसे कह दूं कि मुझे भी उसकी जरूरत है
मैंने जूतों में जुराबे डालना छोड़ दिया है
जुराबों की जगह कुछ लोगों की औकात रखने लगी हूं
वह बात नहीं करते तो खाक क्यों नहीं होते?
इतना ही जलते हैं, तो राख़ क्यों नहीं होते?
कभी कम कभी ज्यादा कभी भी लिहाज़ से बोलती हूं
मैं उनकी औकात के हिसाब से बोलती हूं
छोटे लोगों की रिवायत है बदला लेना
हम तो दिल से निकाल कर फेंक दिया करते हैं
छोटे तालाबों में बहुत शोर हो रहा है
समंदर शांत है बस किसी एक को डुबाने की जरूरत है,
आज मुझे कोई भी हरा नहीं सकता
आज मैं खुद के साथ खड़ा हूं
हां, मंजिलों ने जिद्द कर रखी है
तो मैं भी कहां रुकती हूं मैंने भी ठान रखी है
यह जो पीठ पीछे बात किया करते हैं
सामने माथे का पसीना पोंछ लिया करते हैं
मुझसे अदा मुझसे अकड़ ले आया
उसने बहुत कोशिश की मुझसा बनने की मगर बराबरी ना कर पाया
मुझसे दोस्ती बहुत कम लोग रखते हैं
मैं सही गलत को रिश्तों के हिसाब से नहीं मानती।
तरीके खुद के होने चाहिए जिंदगी जीने के
जो दूसरों के हिसाब से चलता है, सर्कस के जोकर से कम नहीं होता
मैं उसका ज़िक्र सरेआम नहीं करती
मुझे बर्दाश्त नहीं कि कोई और भी उसे सोचे
मैं बहुत बात करती हूं, तुमसे नहीं करती
तो तुम्हारी औकात है
मुझे अफसोस है मैं उसकी उंगली टूट गई
उसने मेरी शख्सियत पर उंगली उठाई थी
आज तो लग रहा है, रात नहीं होगी
वो क्या है, मैंने चांद को इजाजत नहीं दी है
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मैं गुस्से में भी बदजुबान नहीं होती
2 Comments
Waaaaaahhhhhhh high Attitude
ReplyDeleteछोटे तालाबों में बहुत शोर हो रहा है समंदर शांत है बस किसी एक को डुबाने की जरूरत है,
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